(SANSAD TV) Mudda Aapka: Kashmir Remarks Show Irrelevance Of OIC

पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में हुए मुस्लिम देशों के संगठन Organisation Of Islamic Cooperation के विदेश मंत्रियों की बैठक के केंद्र में कश्‍मीर का मुद्दा भी रहा। ओआईसी ने कहा कि कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्‍लंघन का जिक्र किया और कहा कि यहां के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री की मौजूदगी में उइगर मुस्लिमों के दमन पर चुप्‍पी साधने वाले ओआईसी ने कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं आ सकती साथ ही ऐलान किया कि जम्‍मू-कश्‍मीर विवाद का अंतिम समाधान सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों के मुताबिक किया जाए। भारत ने अपने खिलाफ ओआईसी के प्रस्तावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा है कि इस्लामाबाद में ओआईसी की बैठक में भारत के बारे में जो टिप्पणी की गयी वह गलत तथ्यों और गलत जानकारी पर आधारित है। ओआईसी ने मानवाधिकारों का निरंतर उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान के उकसावे पर भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में भी गलत बयानी की है। इन टिप्पणियों और प्रस्तावों से जुड़े देशों और वहां की सरकार को इस बात का अहसास होना चाहिए कि इससे उनकी छवि पर कैसा असर पड़ेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भारत का बयान साझा किया। और कहा कि बैठक में दिए गए बयान और अपनाए गए प्रस्ताव दिखाते हैं कि इस्लामिक सहयोग संगठन एक संस्था के रूप में कितना अप्रासंगिक है। इससे ये भी स्पष्ट होता है…कि इसके जोड़तोड़ में पाकिस्तान की कितनी बड़ी भूमिका है. बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आए चीन ने कश्मीर पर टिप्पणी पर ओआईसी के साथ रजामंदी जताई ।जिस पर भारत ने चीन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे… मुद्दा आपका में आज बात ओआईसी की अप्रसंगिकता और पाकिस्तान.. साथ ही चीन के बायनों और आज के परिप्रेक्ष्य में इन प्रस्तावों या कहे बयानों में जाहिर होते उनके निहित स्वार्थों को समझने की कोशिश करेंगे।