(SANSAD TV) Mudda AapKa: Global exposure to flood risk and poverty | 07 July, 2022


आज बात करेंगे बाढ़ और विश्व बैंक की एक रिपोर्ट की।दुनिया का लगभग हर चौथा इंसान बाढ़ के खतरे में है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक लगभग एक चौथाई दुनिया पर बाढ़ का गंभीर खतरा है और गरीब देशों में यह खतरा ज्यादा बड़ा है। बाढ़ और भारी बारिश के कारण हर साल दुनियाभर में अरबों रुपये का नुकसान होता है और अर्थव्यवस्थाएं कमजोर होती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के साथ यह खतरा बढ़ता जा रहा है और ऐसे लोगों की संख्या भी बढ़ रही है जो इस खतरे के दायरे में आ चुके हैं। रिपोर्ट कहती है कि 1.81 अरब लोग यानी ग्रह की लगभग 23 फीसदी आबादी ऐसी खतरनाक बाढ़ के सीधे खतरे में हैं जो कि सौ साल में एक बार आती है। इस बाढ़ में छह इंच से ज्यादा पानी का भराव हो सकता है। शोध कहता है, ऐसी बाढ़ जिदंगियों और रोजी-रोटी को गंभीर खतरा पहुंचाएगी, खासकर कमजोर तबकों के लिए। बात भारत की करें तो देश के कई राज्यों में मानसून दस्तक दे चुका है। बिहार और पूर्वोत्तर राज्य असम हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ से प्रभावित है। देश में बाढ़ का सामना करने वाले कुल क्षेत्रफल 12 प्रतिशत के आस पास है। बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश में बाढ़ का असर ज्यादा होता है। दुनिया भर में बाढ़ से होने वाली कुल मौतों में से 20 फीसदी अकेले भारत में होती हैं। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग ने देश में 4 करोड़ हेक्टेयर भूमि को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। बाढ़ के कारण अरबों रुपए का नुकसान होता है और अर्थव्यवस्थाएं कमजोर होती है। यह मुदृा आम आदमी के जीवन से जुडा है। रोजी रोटी से जुडा है और विकास से जुडा है। इसलिए भारत सहित दुनिया भर में बाढ़ की स्थिति और इससे संबंधित पहलुओं पर बात करेंगे। बात बाढ़ प्रबंधन राष्ट्रीय जल नीति और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की करेंगे।

Guests:
1. Prafulla Parlewar,Professor of Urban Planning ,School of Planning and Architecture
2. Dr Vinod Tare, Professor & Founding Head, Centre for Ganga River Basin Management & Studies (cGanga), IIT Kanpur
3. R R Rashmi, Distinguished Fellow, TERI

Anchor: Manoj Verma
Producer: Pardeep Kumar
Assistant Producer: Surender Sharma