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नीति आयोग ने भारत में शहरी नियोजन क्षमता बढाने के उपायों पर रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने भारत में शहरी नियोजन क्षमता बढाने के उपायों पर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का नाम है- भारत में शहरी नियोजन क्षमता में सुधार। नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ० राजीव कुमार, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और विशेष सचिव डॉ० के राजेश्‍वर राव ने आज यह रिपोर्ट जारी की। इसे नीति आयोग ने सम्‍बंधित मंत्रालयों तथा शहरी और क्षेत्रीय नियोजन के क्षेत्र में जाने-माने विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया है। रिपोर्ट में पिछले नौ महीनों के दौरान गहन विचार विमर्श के परिणाम शामिल किए गए हैं।

 

इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉक्‍टर राजीव कुमार ने कहा कि आगामी वर्षों में शहरी भारत, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की वृद्धि की ताकत बनेगा। उन्‍होंने कहा कि कस्‍बा नियोजन सहित शहरी चुनौतियों से निपटने के लिए देश में नीतियों पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।

 

नी‍ति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि शहरीकरण भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की संचालन शक्ति है और देश बदलाव के मुख्‍य बिंदु पर पहुंच गया है। कुछ दशकों में आधे देश का शहरीकरण हो जाएगा।

 

इस रिपोर्ट में भारत में शहरी नियोजन क्षमता की रूकावटों को दूर करने के लिए अनेक सुझाव दिए गए हैं। इनमें स्‍वास्‍थ्‍य के नियोजन, शहरी शासन की पुनर्संरचना और कस्‍बा तथा देश नियोजन अधिनियमों में संशोधन शामिल है।

“जिस समय हम भारत के जनसांख्यिकी लाभांश को शान से प्रदर्शित करते हैं,उस समय हम रोजगार योग्यता की पतनशील दरो को नजर अन्दाज कर देते है|”क्या हम ऐसा करने में कोई चूक कर रहे है?भारत को जिन जाँबो की बेसब्री से दरकार है,वे जाँबकहाँ से आयेगे ? स्पष्ट कीजिये ?[200 शब्द ]
प्रश्न- क्या कारण है कि हमारे देश में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अत्यधिक सक्रियता है। इस सक्रियता ने बायोफार्मा के क्षेत्र को कैसे लाभ पहुँचाया है?