मोदी ने रांची से पूरी दुनिया को योग सूत्र में बांधा

मोदी ने रांची से पूरी दुनिया को योग सूत्र में बांधा

राज्य ब्यूरो, रांचीपांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत के साथ पूरी दुनिया योग के रंग में रंग गई। इस वैश्विक आयोजन का केंद्र था झारखंड की राजधानी रांची का प्रभात तारा मैदान, जहां पीएम ने योग के आसन भी किए, लोगों को भारतीय संस्कृति के इस प्रतीक से भी जोड़ा और यह एलान भी किया कि योग जाति, धर्म, अमीर-गरीब, कमजोर-सशक्त-हर दायरे से ऊपर है। ठीक सुबह साढ़े छह बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां योगाभ्यास करने जुटे लोगों से कहा-सुप्रभात और इसके साथ ही देश-दुनिया में योग के इस महाआयोजन की शुरुआत हो गई। एक अरब से ज्यादा भारतीयों के साथ दुनिया के अलग-अलग देशों में योग को सलाम करने-अपनाने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे ऊंचे और ठंडे युद्धक्षेत्र सियाचिन से लेकर अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा तक सेना के विभिन्न अंगों के साथ तमाम अर्धसैनिक बलों के जवान योगाभ्यास में जुटे। पहाड़ की ऊंचाइयों पर सैनिकों ने योग किया तो समुद्र के जल में तैरते पोत में भी। सैनिकों के साथ ही पूरे देश में अलग-अलग शहरों में भी लोग योग दिवस मनाने के लिए उमड़े। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी पहली बार योग का महत्व स्वीकारा। पाक सरकार के ट्वीट में लिखा गया कि यह फिटनेस के लिहाज से महत्वपूर्ण है। योग शारीरिक व मानसिक क्षमता का तेजी से विकास करता है, जो शरीर व मस्तिष्क को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन ने योग को भारत-श्रीलंका की साझी विरासत के तौर पर पेश किया। उन्होंने वृक्षासन और भुजंगासन करते हुए वीडियो भी शेयर किए हैं। चीन की सेना के जवानों ने लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय जवानों के साथ योगासन किया। इधर, रांची में प्रधानमंत्री ने आम लोगों के बीच बारिश की धीमी फुहार में 45 मिनट तक योग के 13 आसन किए। उनकी सहजता, अपनापन, लोगों को जोड़ने की कला लोगों को भीतर तक सराबोर कर गई। झारखंड में अभिवादन के लिए उन्होंने जहां राऊरे मन के जोहार (आप लोगों को नमस्कार) से शुरुआत की तो अंग्रेजी में सात समुंदर पार बैठे योग प्रेमियों तक भी अपना यह संदेश पहुंचाया कि योग को जन-जन तक पहुंचाएं। महज पांच वर्ष पूर्व 2014 में संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में योग को अंतरराष्ट्रीय फलक पर लाने वाले मोदी का संदेश इस मायने में भी अहम है कि वे इसे शहर से गांव की ओर ले जाने का आह्वान करते दिखे। मोदी ने कहा, हमें ठीक उसी तरह योग के बारे में ज्ञान बढ़ाते रहना चाहिए जिस तरह हम अपने फोन को अपडेट करते रहते हैं। योग अनुशासन-प्रतिबद्धता का दूसरा नाम है और पूरा जीवन इसके अनुरूप बिताना चाहिए। योग हर किसी का है और हर कोई योग के लिए है। प्रभात तारा मैदान से जाते-जाते मोदी योग को वैश्विक समर्थन पर आभार भी जता गए। उन्होंने अपनी चिंता भी साझा की और उसका निदान भी सुझाया। कहा-शांति, सद्भाव और समृद्धि के लिए योग ही पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का संदेश है।

रांची के प्रभात तारा मैदान में योग करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उन्होंने योग को जन-जन तक पहुंचाने पर जोर दिया। (विशेष आयोजन-पेज-7 ) एएनआइ

4झारखंड की राजधानी के प्रभात तारा मैदान में पीएम ने 45 मिनट तक किए योग के आसन

4पाकिस्तान ने पहली बार योग के महत्व को किया स्वीकार, इस बारे में किया ट्वीट

योग अनुशासन है, समर्पण है। यह आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी, गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद, सीमा के भेद, इन सबसे परे है। योग सबका है और सब योग के हैं।

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी