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( SANSAD TV ) मुद्दा आपका – COP-26: पर्यावरण और विकास में संतुलन

आज हम बात करेंगे वैश्विक पर्यावरण और विकास के संतुलन की। ग्लासगो में वैश्विक पर्यावरण सम्मेलन से पहले ही भारत ने सह कह कर अपनी स्थिति साफ कर दी कि दुनिया में पर्यावरण की स्थिति जिस तरह से बिगड़ रही है उससे वादों और संकल्पों से अब कुछ नहीं होना है। अगर हालात को काबू में लाना है तो प्रदूषण नियंत्रण के लिए धन, तकनीक और सहयोग अविलंब देना होगा। पर्यावरण, वन और मौसम बदलाव मामलों के मंत्री भूपेंद्र यादव ने संयुक्त राष्ट्र में उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि अब सुधार के उपायों को तेज करने का समय आ गया है। अब इससे चूकने का समय नहीं है। यह कार्य दुनिया के संपन्न और विकसित देशों को करना होगा। दुनिया में कई प्रदूषक देशों के मुकाबले भारत का राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान ज्यादा प्रगतिशील है। जलवायु संकट को लेकर कई चेतावनियों और अनुमानों के बीच दुनिया भर के नेता स्कॉटलैंड में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कोप-26 में मिलने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक और दो नवंबर को कोप-26 में सम्मेलन में शामिल होंगे।

Guests:
1- C.K. Mishra, Former Secretary, Ministry of Environment, Forest & Climate Change, Government of India
2- Padma Bhushan/ Padma Shri Dr. Anil Prakash Joshi, Environmentalist & Founder of Himalayan Environmental Studies and Conservation Organization
3- Madhura Joshi, Senior Associate, E3G

( SANSAD TV )मुद्दा आपका : खेती और वैल्यू एडिशन

हम जिस मुदृे की बात करेंगे वो मुदृा देश की खेती और किसानों से जुडा है। कारण इस समय देश में किसान को सिर्फ फसल आधारित व्यवस्था से बाहर निकालकर उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसकी एक वजह यह भी है क्योंकि देश के 80 फीसदी किसान छोटी जोत वाले हैं उनके पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि है। वैसे जलवायु परिवर्तन के चलते उभर रही नई नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कृषि अनुसंधान पर सरकार खास जोर दे रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को 35 विशेष किस्म की फसलों की सौगात दी। सरकार का लक्ष्य देश के किसानों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करना है और इसके लिए सरकार ने तरह तरह की योजनाओं शुरू की हैं। पारंपरगत खेती से आगे निकलकर कैसे खेती में किया जा सकता है वैल्यू एडिशन और समय के साथ खेती के पुराने तरीकों में बदलाव क्यों है जरूरी।

Guests:
1- Dr. Ashok Vishandass, Professor of Economics, IIPA
2- Dr.Vinod Kumar Singh, Director, CRIDA
3- Dr. MJ Khan, Chairman, ICFA