अपने वायु सैनिकों के बीच खुद को पाकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मैं इस अवसर को अपने देश के सशस्त्र बलों को समर्पित करता हूं।
आर्मी एविएशन कोर के अस्तित्व के 32 वर्ष हो चुके हैं। यह सम्पूर्ण अवधि उनकी वीरता, सम्मान और गौरव की गाथाओं से परिपूर्ण रही है। 1986 में अपनी स्थापना के तुरंत बाद, आर्मी एविएशन कोर ने श्रीलंका में ‘ऑपरेशन पवन’ के दौरान युद्ध में अपनी स्वच्छ साख कायम की।
1984 के बाद से कोर के लिए सियाचिन ग्लेशियर अंतिम कार्यस्थल रहा है। बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 20000 फुट और उससे अधिक ऊंचाई पर काम कर रहे, कोर के अत्यधिक कुशल और उत्प्रेरित पायलटों ने ‘ऑपरेशन मेघदूत’ में कठोर और बहुमूल्य कार्य किया है।
इस संदर्भ में, मैं पिछले वर्ष 10 मई को सियाचिन यात्रा के दौरान कुमार पोस्ट की अपनी यात्रा का विशेष रूप से उल्लेख करूंगा। यह एक अनोखा अनुभव था। ग्लेशियर में प्रतिकूल परिस्थितियों में रहने वाले हमारे अधिकांश जवान अद्वितीय पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। मैंने अपनी यात्रा के दौरान महसूस किया कि हम इन बहादुर सैनिकों की सतर्कता और बलिदान के कारण शांति से रहते हैं।
आर्मी एविएशन कोर ने विशिष्ट शौर्य और विशिष्ट सेवा के लिए 273 सम्मान और पुरस्कार हासिल किए हैं। इससे कोर के जवानों की असाधारण बहादुरी और जोश का पता चलता है और यह हमारी सशस्त्र सेनाओं के सभी सैनिकों और अधिकारियों के लिए एक आदर्श है। आपने विभिन्न युद्धों और ऑपरेशनों में प्रतिष्ठा हासिल की है और खेलों, जान जोखिम में डालने जैसी और अनेक पेशेवर चुनौतियों के दौरान आगे बढ़कर कार्य किया है।
आपके साहस और निष्ठा ने 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ में ‘कारगिल’ युद्ध जीता। आपके बहुत से स्क्वाड्रन्स को उनके असाधारण कार्यों के लिए प्रतिष्ठित ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र’ प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना मिशन में रहते हुए सोमालिया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य जैसे देशों में कार्य करते समय आपने अपने देश के उत्कृष्ट राजदूतों की भूमिका निभाई है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आपने उत्तम कार्य किया है।
कलर प्रदान करने के लिए आयोजित इस समारोह में, मैं आर्मी एविएशन कोर के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं। उनके खून और बलिदान ने हमारी प्रभुसत्ता की रक्षा की है और देश को गौरवान्वित किया है। मैं कोर के पूर्व और सेवारत सैनिकों को उनकी कर्तव्य निष्ठा और पेशेवर आचरण के लिए बधाई देना चाहता हूं। आर्मी एविएशन कोर के सदस्य दुनिया में सबसे कठिन क्षेत्रों और खराब मौसम में सच्ची ताकत बनकर उभरे हैं। मैं आर्मी एविशन कोर की समूची बिरादरी के सभी रेंकों और परिवारों को शुभकामना देने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहता हूं। भारतीय सेना और देश को उन पर गर्व है।
हम अपने देश की सीमाओं के साथ-साथ उसकी प्रभुसत्ता की रक्षा करने के लिए सत्यनिष्ठा की शपथ लेते हैं। मुझे विश्वास है कि हम इस संकल्प को पूरा करेंगे और अपने देश की प्रतिष्ठा को बरकरार रखेंगे चाहे इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े और श्रेष्ठता के अपने सभी प्रयासों को जारी रखेंगे।
ईश्वर से प्रार्थना है कि आप ऊंची उड़ान भरें और राष्ट्र को कीर्ति दिलाएं। मैं आपकी ‘सुखद वापसी’ और ‘अच्छी रफ्तार’ की कामना करता हूं।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में अमेरीका के न्यू जर्सी राज्य के गवर्नर श्री फिलिप डी. मर्फी की अगवानी की। गवर्नर के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। गवर्नर मर्फी आगरा, मुम्बई, हैदराबाद और अहमदाबाद भी जायेंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने न्यू जर्सी और भारत के बीच नजदीकी व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने के संबंध में गवर्नर मर्फी की इच्छा का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत, न्यू जर्सी के भारतीय राज्यों के साथ रचनात्मक सहयोग को समर्थन देगा।
गवर्नर मर्फी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को अवगत कराया कि न्यू जर्सी भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता देता है और भारत तथा अमेरीका के बीच मजबूत साझेदारी के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। भारत और न्यू जर्सी के बीच समानताओं का उल्लेख करते हुए गवर्नर मर्फी ने कहा कि भारत में मौजूद विविधता तथा अनेकता में एकता का न्यू जर्सी सम्मान करता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि न्यू जर्सी राज्य में भारतीय मूल के अमेरीकियों की आबादी सबसे अधिक है और वह भारत के कारोबार और निवेश का सर्वोच्च गंतव्य है। दोनों गणमान्यों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) तथा उच्च शिक्षा में सहयोग के महत्व पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न्यू जर्सी में भारतीय मूल के अमेरीकी समुदाय के कल्याण के लिए गवर्नर द्वारा दिखाई जाने वाली निजी रुचि की सराहना की और कहा कि यह भारत तथा अमेरीका के बीच सेतु के रूप में बहुत महत्वपूर्ण है।
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2
शब्द सीमा 250