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केंद्र और राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: उपराष्ट्रपति चिकित्सा संस्थानों को आस-पास के महाविद्यालयों में जाना चाहिए और बीमारी की रोकथाम और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए केआईएमएस अस्पताल में आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया

भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि केंद्र और राज्यों को गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आज हैदराबाद में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में केआईएमएस हॉस्पिटल्स द्वारा आयोजित एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों को मेडिकल पेशेवरों द्वारा पास के कॉलेजों में जाना और बीमारी की रोकथाम और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिये जागरूकता अभियानों को चलाना सुनिश्चित करना चाहिए।

यह देखते हुए कि लोग अपने स्वास्थ्य और बुनियादी सावधानी बरतने की उपेक्षा करते हैं, उन्होंने कहा कि कई बार वे बीमारियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य पर बहुत अधिक खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी की रोकथाम के बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है।

यह इंगित करते हुए कि निष्क्रिय जीवन शैली और अस्वास्थ्यकर आहार संबंधी आदतें गैर-संचारी रोगों में वृद्धि करने में आगे हैं, उन्होंने कहा कि नियमित शारीरिक गतिविधि हर किसी के लिए दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन जाना चाहिए, भले ही वह किसी भी उम्र का क्यों न हो।

इस अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुन्दरराजन, आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री डा. कमिनेनी श्रीनिवास और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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पीएम ह्यूस्टन में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ को संबोधित करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प भी इस आयोजन में शामिल हुए

आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने टेक्सास के ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में पचास हजार से अधिक लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के साथ इश कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प भी शामिल हुए।

इस विशाल सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ह्यूस्टन में एक नया इतिहास और एक नया समन्वय बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “डोनाल्ड ट्रम्प और भारत की प्रगति के बारे में बात करने वाले सीनेटरों की उपस्थिति 1.3 बिलियन भारतीयों की उपलब्धि का सम्मान है।” उन्होंने कहा कि स्टेडियम में उपस्थित जन-समूह की ऊर्जा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ते तालमेल को दर्शा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इस कार्यक्रम का नाम ‘हाउडी मोदी’ है, लेकिन मोदी अकेले कुछ नहीं हैं। मैं भारत में 130 करोड़ लोगों की इच्छाओं के लिए काम करने वाला व्यक्ति हूं। इसलिए जब आप पूछते हैं – हाउडी मोदी, मैं कहूंगा कि भारत में सब ठीक है।” कई भारतीय भाषाओं में “सब कुछ ठीक है” कहते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विविधता में एकता हमारे जीवंत लोकतंत्र की ताकत है।

पीएम ने कहा, “आज, भारत दृढ़ संकल्पित है और एक नया भारत बनाने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहा है।” उन्होंने कहा कि एक नए और बेहतर भारत के निर्माण के लिए कठिन प्रयास किए जा रहे हैं। पीएम ने कहा, ‘भारत चुनौतियों का सामना नहीं कर रहा है, बल्कि हम उन्हें आगे ले जा रहे हैं।भारत सिर्फ आगे बढ़ने के परिवर्तनों के लिए ही नहीं काम कर रहा है, हम उसके स्थायी समाधान और असंभव को संभव बनाने पर काम कर रहे हैं।”

पिछले पांच वर्षों में एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में, 130 करोड़ भारतीयों ने ऐसी चीजें हासिल की हैं जिनकी कल्पना कोई भी नहीं कर सकता था। हम लक्ष्य उच्च हैं, और हम उस उच्च लक्ष्य को हासिल भी कर रहे हैं।” उन्होंने अपनी सरकार द्वारा घरेलू गैस कनेक्शन प्रदान करने, ग्रामीण स्वच्छता में सुधार लाने, ग्रामीण सड़क हेतु बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, बैंक खाते खोलने इल्यादि के बारे में की गई परिवर्तनकारी कार्रवाई का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने ‘ईज ऑफ लिविंग’और ‘ईज ऑफ बिजनेस’ के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने ‘ईज ऑफ लिविंग’ सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए विभिन्न पहलों जैसे अप्रचलित कानूनों को हटाना, सेवाओं मे तेजी, सस्ते डेटा दर, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, जीएसटी आदि को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का विकास प्रत्येक भारतीय तक पहुंचेगा।

धारा 370 को निरस्त करने के बारे में बोलते हुए, पीएम ने उपस्थित लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस तरह की निर्णायक कड़ी कार्रवाई करने के लिए सांसदों को खड़े होकर धन्यवाद ज्ञापन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 370 ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास और प्रगति से दूर रखा था। पीएम ने कहा, “अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के पास हर भारतीय के समान अधिकार हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी निर्णायक लड़ाई और जो आतंकवाद को समर्थन करते आए हैं उनके खिलाफ भी कठोर कारवाई करने का समय आ गया है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रपति ट्रम्प के संकल्प की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके परिवार को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी दोस्ती भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के भविष्य को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगी।”

हॉवर्ड मोदी कार्यक्रम में डोनाल्ड जे ट्रम्प का स्वागत करना मेरे लिए सम्मान और गौरव की बात है, प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने हर जगह एक गहरा और स्थायी प्रभाव छोड़ा है। उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति का नेतृत्व करने का अपार गुण है। उन्होंने कहा कि जितनी बार मैं इनसे मिला मिला, डोनाल्ड जे ट्रम्प में वही मित्रता, गर्मजोशी और ऊर्जा महसूस की।

इस आयोजन को संबोधित करते हुए, डोनाल्ड जे ट्रम्प ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और उसके नागरिकों के लिए एक असाधारण काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को उनकी अभूतपूर्व चुनावी जीत के लिए भी बधाई दी। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंध पहले से बेहतर हुए हैं।

प्रधानमंत्री की विकास की नीतियों को सलाम करते हुए, ट्रम्प ने कहा “भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग तीन सौ मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। यह अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, दुनिया भारत के एक मजबूत, संपन्न गणराज्य बन रहा है। राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय के योगदान के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि उनका प्रशासन आपके समुदाय की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।

ह्यूस्टन में प्रधान मंत्री का स्वागत करते हुए, हाउस के प्रमुख नेता स्टेनि होनर ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आधुनिक भारत से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं, भारत ने निर्विवाद रूप से अंतरिक्ष में एक नया मुकाम हासिल किया है और साथ ही लाखों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने में भी समान रूप से काम किया है।

इससे पहले, ह्यूस्टन के मेयर सिल्वेस्टर टर्नर ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सम्मान, एकजुटता और लंबे समय से चले आ रहे भारत-ह्यूस्टन संबंध के के लिए ‘ह्यूस्टन-की’ भी भेंट किया।

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हालिया समय में 10 बैंको का विलय कर 4 बड़े बैंको का निर्माण करने की घोषणा सरकार द्वारा की गई है | क्या कारण है कि कुछ वर्षो से बार-बार बैंको का विलय किया जा रहा है ? यह भारतीय अर्थव्यवस्था में किस प्रकार भूमिका निभाएगा |
गिरिराज सिंह ने देश में मछली पालन के आकड़े जारी किए 2017-18 के दौरान औसत मछली उत्‍पादन 14 प्रतिशत बढ़कर 10.14 प्रतिशत रहा .सौजन्न से PIB

केंदीय मत्‍स्‍य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्‍ली में देश में मछली उत्‍पादन के आकड़ें- 2018 पर एक पुस्तिका जारी की। ये पुस्तिका भारत सरकार के मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मछली पालन विभाग द्वारा प्रकाशित की गई है। यह मछली पालन आकड़ों का 13वां संस्‍करण है जिसमें मछली पालन क्षेत्र के विभिन्‍न पहलुओं से जुड़े महत्‍वपूर्ण आकड़े दिए गए हैं। आकड़ों का 12वां संस्‍करण 2014 में जारी किया गया था।

पुस्तिका जारी करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश में मत्‍स्‍य उत्‍पादन तथा इसके लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं के विकास पर अगले पांच वर्षों में 25000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अलग मंत्रालय का गठन कर मछली पालन क्षेत्र को विशेष महत्‍व दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मछली पालन क्षेत्र किसानों की आय दोगुणी करने में बड़ी भूमिका निभाएंगा। उन्‍होंने आगे कहा कि उनका मंत्रालय अंतरर्देशीय मछली पालन की 14 प्रतिशत की मौजूदा विकास दर को और बढ़ाने के हर संभव प्रयास करेगा। इसके लिए मंत्रालय द्वारा राज्‍य सरकारों और लोगों को जागरुक बनाया जा रहा है।

मत्स्य पालन क्षेत्र 1.60 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। मत्स्य पालन के विकास से भारत की पोषण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है और उन क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान कर सकता है जहां मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी निवास करती हैं।

2017-18 के दौरान अंतर्देशीय क्षेत्र से 8.90 मिलियन मीट्रिक टन और समुद्री क्षेत्र से 3.69 मीट्रिक टन मत्‍स्‍य उत्‍पादन के साथ 12.59 मिलियन मीट्रिक टन का कुल मछली उत्पादन दर्ज किया गया था। 2016-17 की तुलना में 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन में औसत वृद्धि 10.14% (11.43 मिलियन मीट्रिक टन) रही है। यह मुख्य रूप से 2016-17 (7.80 मिलियन मीट्रिक टन) की तुलना में अंतर्देशीय मत्स्य पालन में 14.05% की वृद्धि के कारण है। भारत वर्तमान में मछली का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह जलीय कृषि उत्पादन के साथ-साथ अंतर्देशीय कैप्चर फिशरीज में भी विश्व में दूसरे नंबर पर है।

वर्ष 1950-51 के दौरान कुल मछली उत्‍पादन में अंतर्देशीय मछली उत्‍पादन का प्रतिशत योगदान 29 प्रतिशत था, जो 2017-18 में बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया है। आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 34.50 लाख टन अंतर्देशीय मछली का उत्‍पादन किया है, जबकि गुजरात देश में समुद्री मछली का सबसे बड़ा (7.01 लाख टन) उत्‍पादक राज्‍य है। तटवर्ती राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 31 जुलाई, 2019 के अनुसार कुल पंजीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं और क्रॉफ्ट की संख्‍या 2,69,047 है।

इस अवधि के दौरान मछली और मछली उत्‍पादों के निर्यात में भारी वृद्धि हुई है। निर्यात के लिए उत्‍पादों के विविधीकरण के माध्‍यम से निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2017-18 के दौरान 45,106.90 करोड़ रुपये मूल्‍य के 13,77,243.70 टन मछली और मछली उत्‍पादों का निर्यात हुआ। समुद्री मछली उत्‍पादों के निर्यात में भी वर्ष 2017-18 के दौरान प्रमात्रा के रूप में 21.35 प्रतिशत और मूल्‍य के रूप में 19.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

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रेल मंत्रालय ने भुवनेश्वर स्टेशन का बहु-मॉडल परिवहन केन्‍द्र के रूप में पुनर्विकास करने के लिए ओडिशा सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये

रेल मंत्रालय के तत्‍वाधान में ईस्‍ट कोस्‍ट रेलवे ने भुवनेश्‍वर स्‍टेशन को बहु-मॉडल परिवहन केन्‍द्र के रूप में विकसित करने के लिए ओडिशा सरकार के साथ आज नई दिल्‍ली में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये। ओडिशा के मुख्‍यमंत्री श्री नवीन पटनायक, रेल, वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से इस हस्‍ताक्षर समारोह में शामिल हुए।

इस समझौता ज्ञापन के तहत रेल मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से भुवनेश्वर स्टेशन का बहु-मॉडल परिवहन केंद्र के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा। इस बहु-मॉडल केन्‍द्र के तीन वर्ष में पूरा होने की उम्‍मीद है। इसमें रेलवे स्टेशन के लिए नए टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सिटी बस टर्मिनल, सार्वजनिक कार पार्किंग और अन्य संबद्ध सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्‍ध होंगी। रेलवे स्टेशन के दोनों ओर मिश्रित उपयोग भूमि विकास किया जाएगा।

श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि नागरिकों को इस परियोजना से बहुत लाभ होगा और इस क्षेत्र में यह पर्यटन का केंद्र बन सकता है। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के विकास के लिए रेल मंत्रालय को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एक विश्व स्तर का बहु-मॉडल परिवहन केन्‍द्र होगा और देश में भी यह अपनी किस्‍म का पहला ऐसा केन्‍द्र होगा।

इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे बुनियादी ढांचे में विश्व स्तर के अनुसार सुधार करना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि ओडिशा सरकार भुवनेश्वर को बहु-मॉडल केन्‍द्र के रूप में विकसित करने के लिए रेल मंत्रालय के साथ सहयोग करने के लिए आगे आई है।

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वायुसेना के उप प्रमुख आरकेएस भदौरिया अगले वायुसेना प्रमुख नियुक्‍त. सौजन्न से PIB

सरकार ने वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएम की सेवानिवृत्ति के बाद अगले वायु सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर 2019 को सेवा निवृत्‍त होंगे।

एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने जून 1980 में भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्‍त किया था और वह विभिन्न कमान, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल पदों पर रहे हैं।

एयर मार्शल भदौरिया पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम हैं और वह सर्वोच्च कमांडर के एडीसी में से एक हैं।

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श्री राजनाथ सिंह हल्‍के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री बने . सौजन्न से PIB

श्री राजनाथ सिंह हल्‍के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षामंत्री बन गए हैं। उन्‍होंने आज सुबह वेंगलूरु के हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के हवाई हड्डे पर एयर वाईस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी के साथ स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में आधे घंटे तक उडान भरी।

रक्षामंत्री ने तेजस की अपनी इस उड़ान को बहुत ही रोमांचकारी अनुभव बताया। उन्‍होंने तेजस जैसा विमान बनाने के लिए हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को बधाई दी। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में बने तेजस विमान की मांग कई देशों से आई है। उन्‍होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि आज भारत में बने लड़ाकू विमान तथा हथियार और गोला- बारुद दुनिया के कई देशों में निर्यात किए जा सकते हैं।

रक्षामंत्री ने भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना की उनकी व्‍यावसायिक कुशलता, साहस और पराक्रम के लिए सराहना करते हुए कहा, ‘ मुझे अपने सशस्‍त्र बलों के सैनिकों पर गर्व है।’

एयर वाइस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी ने कहा कि उड़ान के दौरान रक्षामंत्री ने कुछ देर के लिए ‘तेजस’ का नियंत्रण संभाला। उन्‍होंने कहा कि श्री राजनाथ सिंह विमान की गुणवत्‍ता और आसान संचालन की खूबी को देखकर काफी प्रसन्‍न हुए।

‘तेजस’ में उड़ान भरने से पहले वायुसेना के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा रक्षामंत्री को विमान की बनावट और चलाए जाने के तरीकों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई।

रक्षा विभाग के अनुसंधान और विकास इकाई के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्‍यक्ष डॉ. जी.सतीश तथा हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर.माधवन के साथ दोनों विभागों के कई वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस अवसर उपस्थित थे।

तेजस एक कई खूबियों से लैस एक बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान है। इसने देश की वायुसैनिक क्षमताओं को और मजबूत बनाया है।

नए देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्पीड पोस्ट सेवा

डाक विभाग ने बोस्निया और हर्जेगोविना, ब्राजील, इक्वाडोर, कजाखस्तान, लिथुआनिया और उत्तरी मेसोडोनिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्पीड पोस्ट (ईएमएस) सेवा प्रारंभ करने की घोषणा की है। ईएमएस यानी एक्सप्रेस मेल सर्विस यूजरों को दस्तावेज भेजने में सहायक है और यह तेज गति से दस्तावेज भेजती है। उपभोक्ता इंटरनेट पर भेजे गए सामान की जानकारी भी ले सकते हैं। इस सुविधा से इन देशों में रहने वालों लोगों के साथ सम्पर्क में मजबूती आएगी तथा व्यापार में वृद्धि होगी क्योंकि ईएमएस छोटे तथा मझौले उद्यमों के लिए लोकप्रिय माध्यम है।

इन देशों के लिए ईएमएस सेवा देश के प्रमुख डाकघरों में उपलब्ध होगी।

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नए सिरे से लिखा जाएगा भारत की सीमाओं का इतिहास: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी इजाजत.सौजन्न से PIB

भारत की सीमाओं का इतिहास नए सिरे से लिखा जाएगा। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है। श्री सिंह ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 17 सितंबर, 2019 को इस बारे में नयी दिल्‍ली में एक बैठक की। बैठक में प्रस्तावित किया गया कि नए सिरे से सीमाओं का इतिहास लिखने के इस काम में सीमाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समाहित किया जाएगा , जिसमें सीमांकन और परिसीमन , बदलाव , सुरक्षा बलों की भूमिका; सीमावर्ती लोगों की भूमिका उनके जीवन के सांस्‍कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को शामिल किया जाएगा। इस परियोजना के दो साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्‍मीद है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि नए सीरे से सीमाओं के इतिहास लेखने से लोगों तथा विशेष रूप से अधिकारियों को देश की सीमाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

श्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना के संबंध में मिले विभिन्‍न सुझावों का स्‍वागत किया और अधिकारियों को इसे शीघ्रता से पूरा करने के लिए आवश्यक स्रोत सामग्री, व्यापक संदर्भ, कार्यप्रणाली और कार्य योजना पर विशेषज्ञों से परामर्श करने का निर्देश दिया।
यह आम लोगों तथा खासतौर से सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति जागरूक बनाने की अपनी तरह की पहली परियोजना है।

जल संरक्षण और प्लास्टिक के एकल उपयोग की समाप्ति को जन आंदोलन बनाएं: उपराष्ट्रपति देश में घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता श्री एम. वेंकैया नायडू ने उत्तराखंड के हाई स्कूल के विद्यार्थियों से बातचीत की.सौजन्न से PIB

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा सभी शिक्षण संस्थानों से जल संरक्षण और प्लास्टिक के एकल उपयोग की समाप्ति को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है।

उत्तराखंड की 10वीं बोर्ड परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के समूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रति बूंद अधिक फसल, पोषण अभियान तथा योग की चर्चा करते हुए कहा कि इन सबके बारे में जन आंदोलन चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को जल और वन संसाधन वरदान में मिले हैं और इन संसाधनों का संरक्षण लोगों का पवित्र कर्तव्य है।

श्री नायडू ने जल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि जल पृथ्वी का अमृत है। उन्होंने कहा कि जब हम चन्द्रमा पर जीवन की खोज में जल का अंश देख रहे है तब हमें धरती पर जल संरक्षण को अधिक महत्व देना चाहिए।

उत्तराखंड में सौंदर्य स्थलों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन को प्रोत्साहित करने की अपार संभावना है, विशेषकर धार्मिक पर्यटन को क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उपराष्ट्रपति ने 2022 तक 15 नए घरेलू पर्यटन स्थलों की संभावना तलाशने के प्रधानमंत्री के आग्रह की याद दिलाते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए भ्रमण स्वयं में सीखने की प्रक्रिया है क्योंकि भ्रमण से हम देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता से अवगत होते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी तेज गति से बदल रही है इसलिए नए भारत के निर्माण में विद्यार्थियों को नवीनतम प्रौद्योगिकी विकास की जानकारी रखनी चाहिए।

श्री नायडू ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना की।

विद्यार्थी देवप्रयाग के विधायक श्री विनोद खंडूरी के साथ आए थे।

उपराष्ट्रपति को बताया गया कि विधायक श्री विनोद खंडूरी ने उत्तराखंड के 51 सरकार स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए भारत दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया है।

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