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राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (ईआईए)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना को जारी रखने और 5 वर्ष से ज्यादा समय के लिए 1,650 करोड़ रुपये के सहायता अनुदान को मंजूरी दी

एनईआईए के लिए पूंजी के आवंटन से निर्धारित बाजार में परियोजना निर्यात की व्यापक संभावनाओं के दोहन में सहायता मिलेगी

एनईआईए 33,000 करोड़ रुपये तक के परियोजना निर्यात को समर्थन देने में सक्षम होगा

इस सहायता से औपचारिक क्षेत्र में लगभग 12,000 नौकरियों सहित कुल 2.6 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा

यह फैसला बीते कुछ वर्षों के दौरान सरकार द्वारा शुरू की गईं निर्यात संबंधित योजनाओं और उपायों की श्रृंखला का हिस्सा है

विदेश व्यापार नीति (2015-20) का 31 मार्च, 2022 तक विस्तार किया

सभी लंबित बकायों के भुगतान के लिए सितंबर, 2021 में 56,027 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं

वित्त वर्ष 2021-22 में 12,454 करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि के साथ रिमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेस एंड एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) का कार्यान्वयन

व्यापार को सुगम बनाने और निर्यातकों द्वारा एफटीए उपयोगिता बढ़ाने के उद्देश्य से सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन के कॉमन डिजिटल प्लेटफॉर्म

निर्यात हब के रूप में जिलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है

भारत के व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने और निवेश लक्ष्यों को बढ़ाने की दिशा में विदेश में भारतीय दूतावासों की सक्रिय भूमिका

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कई उपाय किए हैं। इस क्रम में सरकार ने पांच वर्षों की अवधि अर्थात वित्त वर्ष 2021-2022 से वित्त वर्ष 2025-2026 तक की अवधि के लिए राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाते (एनईआईए) में 1,650 करोड़ रुपये के सहायता अनुदान (राशि) के योगदान को स्वीकृति दे दी है।

भारत से निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 2006 में एनईआईए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी, जिसका रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व है। एनईआईए ट्रस्ट मध्यम और दीर्घावधि (एमएलटी)/परियोजना निर्यात को बढ़ावा देता है जिसमें भारत से परियोजना निर्यात को (आंशिक/पूर्ण) सहायता देकर ईसीजीसी द्वारा एमएलटी/प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट और एक्ज़िम बैंक फॉर बायर्स क्रेडिट (बीसी-एनईआईए) से जुड़े क्षेत्रों को मदद दी जाती है।

एनईआईए ट्रस्ट में पूंजी लगाने से भारतीय परियोजना निर्यातकों (आईपीई) को निर्धारित बाजार में परियोजना निर्यात की विशाल क्षमता का दोहन करने में मदद मिलेगी। देश भर से भारतीय स्रोतों से प्राप्त सामग्री के साथ परियोजना निर्यात की दिशा में किये गए इस समर्थन से भारत में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। 1,650 करोड़ रुपये की धनराशि के योगदान से ट्रस्ट की जोखिम क्षमता बढ़ेगी और यह एनईआईए को पूरी क्षमता के उपयोग के साथ 33,000 करोड़ रुपये के परियोजना निर्यात का समर्थन करने में सक्षम बनाएगा। इसके परिणामस्वरूप घरेलू स्तर पर निर्मित वस्तुओं के अनुमानित उत्पादन में लगभग 25,000 करोड़ रुपये अर्जित किए जा सकेंगे।

इसके अलावा, परियोजनाओं में औसतन 75 प्रतिशत भारतीय सामग्री के उपयोग के साथ, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा ‘रोज़गारों के लिए निर्यात’ रिपोर्ट के संदर्भ में, यह अनुमान लगाया गया है कि इस औपचारिक क्षेत्र में लगभग 12,000 श्रमिकों का रोज़गार सृजन होगा। इसके अलावा, रिपोर्ट के आधार पर अनुमान के अनुसार, संबंधित क्षेत्रों में कुल श्रमिकों (औपचारिक और अनौपचारिक दोनों की संख्या) की संख्या में 2.6 लाख की वृद्धि होगी।

एनईआईए- प्रदर्शन के मुख्य बिंदु

1. ऋण और राजनीतिक सुरक्षा देकर एनईआईए ट्रस्ट मध्यम और दीर्घावधि (एमएलटी)/परियोजना निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2006 में एनईआईए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी।

2.  एनईआईए ऐसी परियोजनाओं को समर्थन देता है, जो वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य हो और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हों।

3.   भारत सरकार ने इसके लिए 4,000 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता तय की है और वास्तविक कॉर्पस की तुलना में 20 गुना अधिकतम देयता के लिए मंजूरी है।

4.  कई साल के दौरान भारत सरकार से मिला अंशदान 31 मार्च, 2021 तक 3,091 करोड़ रुपये हो गया था।

5.  शुरुआत से अब तक, एनईआईए 31 अगस्त, 2021 तक 53,000 करोड़ रुपये के समेकित परियोजना मूल्य के साथ 213 कवर दे चुका है।

6. परियोजना निर्यात को संभव बनाने के मामले में इसका प्रभाव अफ्रीका और दक्षिण एशिया में सबसे महत्वपूर्ण रहा है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार द्वारा शुरू की गईं निर्यात संबंधित योजनाएं और उपाय

 

1.  कोविड-19 महामारी की स्थिति के चलते विदेश व्यापार नीति (2015-20) को 30 सितम्बर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

2.  कोविड-19 के दौर में तरलता उपलब्ध कराने के लिए सभी स्क्रिप्ट आधारित योजनाओं के अंतर्गत पूरा लंबित बकाया चुकाने के लिए सितंबर, 2021 में 56,027 करोड़ रुपये जारी किए गए।

3. एक नई योजना-रिमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेस एंड एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) शुरू की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजना के लिए 12,454 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं। यह उन करों/शुल्कों/ लेवी की प्रतिपूर्ति के लिए डब्ल्यूटीओ अनुकूल तंत्र है, जिसका केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर किसी अन्य व्यवस्था के तहत रिफंड नहीं किया जा रहा है।

4.  आरओएससीटीए योजना के माध्यम से केंद्रीय/राज्य करों से छूट के द्वारा वस्त्र क्षेत्र के लिए समर्थन बढ़ाया गया, जिसे अब मार्च, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

5.  व्यापार को सुगम बनाने और निर्यातकों द्वारा एफटीए उपयोगिता बढ़ाने के उद्देश्य से सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन के लिए कॉमन डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया।

6.  कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से संबंधित कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र “कृषि निर्यात नीति” को क्रियान्वित किया जा रहा है।

7. 12 चैम्पियन सेवा क्षेत्रों के लिए विशेष कार्य योजनाओं के द्वारा सेवा निर्यातों को प्रोत्साहन और विविधीकरण।

8. हर जिले में निर्यात की संभावनाओं वाले उत्पादों की पहचान के द्वारा जिलों को निर्यात हब के रूप में प्रोत्साहन, इन उत्पादों के निर्यात के लिए बाधाओं को दूर करना और जिले में रोजगार सृजन के लिए निर्यातकों/ विनिर्माताओं को समर्थन।

9.  भारत के व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने और निवेश लक्ष्यों को बढ़ाने की दिशा में विदेश में भारतीय दूतावासों की सक्रिय भूमिका।

10.  कोविड महामारी को देखते हुए घरेलू उद्योग विशेष रूप से एमएसएमई के लिए विभिन्न बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में राहत उपायों के माध्यम से पैकेज की घोषणा की गई। एमएसएमई की निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी है।

11.       व्यापारिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और विपणन को प्रोत्साहन देने के लिए ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस), मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) स्कीम और ट्रांसपोर्ट एंड मार्केटिंग असिस्टैंस (टीएमए) योजनाएं।

(AIR Debate) 17 September 2021

आकाशवाणी समसामयिकी चर्चा (17, सितंबर 2021):

  • चर्चा का विषय – एयर इंडिया में विनिवेश को मिल रही गति पर चर्चा
  • सहभागी: ए. के. भट्टाचार्य (आर्थिक विश्लेषक), कमल कुमार प्रजापति (आकाशवाणी संवाददाता)

वित्‍त मंत्री समाधान ढांचे की अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग कम्‍पनियों के शीर्ष प्रबंधकों के साथ समीक्षा करेंगी

वित्‍त और कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन बैंक ऋणों पर कोविड-19 महामारी से उत्‍पन्‍न दबाव से निपटने के लिए बनाये गये समाधान ढांचे पर अमल के बारे में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कम्‍पनियों के शीर्ष प्रबंधकों के साथ समीक्षा करेंगी।

श्रीमती सीतारामन 3 सितम्‍बर को शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लेंगी। समीक्षा बैठक में व्‍यवहार्यता के आधार पर बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थाओं में नई जान फूंकने के उपायों पर मुख्‍य रूप से चर्चा होगी। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि बैंक नीतियों को अंतिम रूप देने, कर्ज लेने वालों की पहचान करने तथा नीतियों पर सुचारू रूप से शीघ्रता के साथ अमल करने के बारे में भी विचार विमर्श किया जायेगा।

दक्षिण कोरिया ने कल स्‍वदेशी और पनडुब्‍बी से संचालित बेलिस्‍टिक मिसाइल- एसएलबीएम का सफलता पूर्वक परीक्षण किया

दक्षिण कोरिया ने कल स्‍वदेशी और पनडुब्‍बी से संचालित बेलिस्‍टिक मिसाइल- एसएलबीएम का सफलता पूर्वक परीक्षण किया। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय और ब्‍लू हाउस ने यह जानकारी दी। इससे कुछ समय पहले उत्‍तर कोरिया ने पूर्वी सागर में दो बेलिस्टिक मिसाइल दागी।

 

दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून जाए-इन ने परीक्षण स्‍थल पर अधिकारियों को बताया कि देश अपनी मिसाइल क्षमता को बढा रहा है ताकि उत्‍तर कोरिया की किसी भी उकसावे की कार्रवाई से निपटने में मदद मिल सके। दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी के अनुसार श्री मून ने इस बात पर बल दिया कि एसएलबीएम का परीक्षण सेना की योजना के अनुरूप किया गया और यह उत्‍तर कोरिया की मिसाइल परीक्षण का जवाब नहीं है।

 

उत्‍तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर श्री मून ने कहा कि मिसाइल के प्रकार और उत्‍तर कोरिया के इरादे के बारे में किसी निष्‍कर्ष तक पहुंचने से पहले गहन विशलेषण करना महत्‍वपूर्ण है।

 

सोमवार को उत्‍तर कोरिया ने घोषणा की थी कि उसने क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है। उत्‍तर कोरिया के प्रमुख व्‍यापार सहयोगी और मित्र चीन ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन ने कहा कि कोई भी मुद्दा बातचीत और समझौते से ही सुलझाया जाना चाहिए।

 

Source : AIR

नीति आयोग ने भारत में शहरी नियोजन क्षमता बढाने के उपायों पर रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने भारत में शहरी नियोजन क्षमता बढाने के उपायों पर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का नाम है- भारत में शहरी नियोजन क्षमता में सुधार। नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ० राजीव कुमार, मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और विशेष सचिव डॉ० के राजेश्‍वर राव ने आज यह रिपोर्ट जारी की। इसे नीति आयोग ने सम्‍बंधित मंत्रालयों तथा शहरी और क्षेत्रीय नियोजन के क्षेत्र में जाने-माने विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया है। रिपोर्ट में पिछले नौ महीनों के दौरान गहन विचार विमर्श के परिणाम शामिल किए गए हैं।

 

इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉक्‍टर राजीव कुमार ने कहा कि आगामी वर्षों में शहरी भारत, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की वृद्धि की ताकत बनेगा। उन्‍होंने कहा कि कस्‍बा नियोजन सहित शहरी चुनौतियों से निपटने के लिए देश में नीतियों पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।

 

नी‍ति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि शहरीकरण भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की संचालन शक्ति है और देश बदलाव के मुख्‍य बिंदु पर पहुंच गया है। कुछ दशकों में आधे देश का शहरीकरण हो जाएगा।

 

इस रिपोर्ट में भारत में शहरी नियोजन क्षमता की रूकावटों को दूर करने के लिए अनेक सुझाव दिए गए हैं। इनमें स्‍वास्‍थ्‍य के नियोजन, शहरी शासन की पुनर्संरचना और कस्‍बा तथा देश नियोजन अधिनियमों में संशोधन शामिल है।

रक्षा मंत्रालय के खरीद प्रकोष्‍ठ ने मानक संचालन प्रक्रिया- एसओपी जारी की

क्षा मंत्रालय के खरीद प्रकोष्‍ठ ने मानक संचालन प्रक्रिया- एसओपी जारी की है। इससे खरीद प्रक्रिया में स्‍पष्‍टता आएगी। अब निविदादाताओं द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय बैंकों से गारंटी जमा करने के सम्‍बंध में खरीददारों को नई प्रक्रिया का पालन करना होगा। इससे विदेशी बैंकों की बैंक गारंटी वाले खरीद के मामलों में अनुबंध को समय से सम्‍पन्‍न किया जा सकेगा।

 

अंतरराष्‍ट्रीय बैंकों से बैंक गारंटी के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया में खरीददार को यह अधिकार दिया गया है कि वह  आवश्‍यक होने पर भारतीय बैंक से बैंक गारंटी की पुष्टि कर सकें। इसका खर्च निविदादाता को वहन करना होता है।

 

एसओपी में यह उल्‍लेख किया गया है कि ऐसी बैंक गारंटी की पुष्टि की आवश्‍यकता के सम्‍बंध में नई दिल्‍ली के संसद मार्ग पर स्थित एसबीआई बैंक की सलाह लेने के लिए खरीददार को किन चरणों का पालन करना होगा।

भारत और जापान के लिये समय आ गया है कि एक ऐसे मजबूत समसामयिक संबंध का निर्माण करें,जिसका वैश्विक एवं रणनीतिक साझेदारी को आवेष्टिक करते हुए एशिया एवं सम्पूर्ण विश्व के लिये बड़ा महत्त्व होगा | टिप्पणी कीजिये |
डॉ. हर्षवर्धन ने टोक्यो में स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन के तहत पहली संयुक्त समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार डॉ. हिरोतो इजुमी के साथ स्वास्थ्य सेवा पर दूसरे सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के तहत पहली संयुक्त समिति (जेसीएम) की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस एमओसी पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान अक्‍टूबर 2018 में स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण में सहयोग के लिए भारत के आयुष्‍मान भारत और जापान के एशिया हेल्‍थ एंड वेल-बीइंग इनिशिएटिव (एएचडब्ल्यूआईएन) ने हस्‍ताक्षर किए थे।

संयुक्त समिति ने एमओसी के तहत चल रही गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की और इन गतिविधियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। ये गतिविधियां दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।

बैठक के दौरान जापान ने स्वास्थ्य की देखभाल के क्षेत्र में दोनों देशों की सार्वजनिक/ निजी एजेंसियों के बीच विशिष्ट परियोजनाओं को प्रस्तुत किया। ये परियोजनाएं स्‍वास्‍थ्‍य सेवा लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा दक्षता एवं चिकित्सा देखभाल की दक्षता में सुधार के लिए तृतीयक अस्पताल में आईसीटी की उपयोगिता, आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधनों का आदान-प्रदान और भारत एवं जापान के बीच स्वास्थ्य सेवा नवाचार नेटवर्क की स्थापना जैसे क्षेत्रों से संबंधित है। भारत ने इन परियोजनाओं का स्वागत किया और इनसे मिली सीख के आधार पर इन गतिविधियों में विस्तार की इच्‍छा जताई ।

साथ ही भारत ने जापान के विचार के लिए विभिन्न सहयोग परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए जो निम्‍नलिखित हैं:

भारत और जापान के बीच मानव संसाधन विकास में साझेदारी और तृतीयक देखभाल केंद्रों के बीच सहयोग, जेआईसीए के माध्यम से अस्पताल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग, आयुर्वेद एवं आयुर्वेदिक फार्माकोपिया को विशेष रूप से पहचानने, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करते हुए उच्च मानक की जेनेरिक दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों के विकास में सहयोग, कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देशों के संस्थानों के बीच संयुक्त अनुसंधान सहयोग और जेनेरिक चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए सहयोग।

बैठक के अंत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतिथ्य-सत्‍कार के लिए जापान के प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया और निर्धारित समय पर भारत में अगली जेसीएम बैठक के लिए जापान का स्वागत किया।

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एझिमाला स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन

भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) में आज शुक्रवार 18 अक्टूबर, 2019 को “राष्ट्रों को आकार देने में समुद्री शक्ति की भूमिका” पर दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति के छठे संस्करण का समापन हुआ। सेमिनार के दौरान इस विषय पर केंद्रित आठ व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) और पश्चिमी नौसेना कमान के पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा द्वारा एक आमंत्रण वार्ता भी इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। कार्यक्रम में कई सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, प्रख्यात शिक्षाविद, थिंक टैंक के प्रतिनिधि, रक्षा विश्लेषक और प्रतिष्ठित दिग्गज उपस्थित थे।

वीएसएम (सेवानिवृत्त), कमोडोर सी उदय भास्कर की अध्यक्षता में संगोष्ठी में दूसरे दिन के दौरान ‘वैश्विक राजनीति में समुद्र शक्ति की केंद्रीयता’ विषय पर विचार-विमर्शों का आयोजन किया गया। आईएनएएस के मिडशिपमैन आदित्य जैन, अमोघ चावला और टीएम रवि किरण ने ‘आईओआर में भारत की समुद्री रणनीति के साथ भू राजनीति को संबंध’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। तक्षशिला संस्थान के सह-संस्थापक और निदेशक, श्री नितिन पाई ने ‘समुद्री शक्ति का जन्म हुआ अथवा सृजन किया गया’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी और शिव नादर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और शासन अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. जबीन टी जैकब ने ‘चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षा: समुद्री क्षेत्र विस्तार की समझ’ पर अपना व्याख्यान दिया। नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन की रिसर्च एसोसिएट सुश्री रितिका कपूर ने ‘हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीति का विकास: श्रीलंका में चीन की समुद्री शक्ति का विस्तार’ विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया।

भारतीय नौसेना के डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, रियर एडमिरल तरुण सोबती ने समापन संबोधन देते हुए उच्च गुणवत्तायुक्त विचार-विमर्श के माध्यम से अपने समृद्ध अनुभव और बौद्धिक प्रस्तुति के लिए अध्यक्ष और प्रतिनिधियों की भागीदारी की सराहना की। दिल्ली श्रृंखला समुद्री शक्ति 2019 के समन्वयक कमोडोर बेन एच बर्सन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इंडियन नेवल एकेडमी ने एझीमाला स्थित माउंट दिल्ली के बाद वार्षिक सेमिनार को ‘दिली’ श्रृंखला के रूप में नामित किया, जो इस क्षेत्र के समुद्री इतिहास के विकास का गवाह रही है। संगोष्ठी के दौरान समृद्ध अनुभवों के साथ और ‘दिल्ली’ श्रृंखला समुद्री क्षेत्र के विकास के संदर्भ में युवा अधिकारियों और कैडेटों के लिए प्रोत्साहन का भी आधार रही है।

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उपराष्ट्रपति ने लोक-लुभावन उपायों के विरुद्ध चेतावनी देते हुए कहा कि इससे विकास पर आने वाले खर्च प्रभावित होंगे लोग अपने जनप्रतिनिधियों का चयन करते समय सोच-विचार कर निर्णय लें : उपराष्ट्रपति भारत में टॉर्ट्स कानून को और भी अधिक सशक्त करने का समय आ गया है उपराष्ट्रपति ने बैंगलुरू के पीईएस विश्वविद्यालय के कानून के छात्रों से बातचीत की

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने चुनावों की पूर्व-संध्या पर मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन उपायों के विरूद्ध आज राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि इससे विकास पर होने वाले खर्च पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति भवन में आज बैंगलुरू के कानून के छात्रों से बातचीत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा लोकतंत्र को मजबूत करना जनता के हाथ में है। उन्होंने कहा मतदान करना केवल एक अधिकार ही नहीं है, बल्कि उनका उत्तरदायित्व भी है। उन्होंने लोगों से मांग करते हुए कहा कि वे अपने प्रतिनिधियों को चुनते समय 4 सी – करेक्टर (चरित्र), कंडक्ट (व्यवहार), कैलिबर (बुद्धि) और कैपेसिटी (क्षमता) को ध्यान में रखें।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग अन्य 4 सी – कास्ट (जाति), कम्युनिटी (समुदाय), कैश (धन) और क्रिमिनलिटी (अपराध) को बढ़ावा देकर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों का चयन करते समय लोगों को सोच-विचार कर निर्णय लेना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने पर जोर देते हुए कहा कि इससे एक समय में ही पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की मजबूती के लिए राज्यों में किसी कारण से स्थानीय निकायों के चुनावों को स्थगित करने की संभावना नहीं होनी चाहिए।

श्री नायडू ने कहा कि न्याय तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने में अधिवक्ता महत्वपूर्ण हितधारक हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे स्थिर और समृद्ध समाज की नींव तैयार होती है।

विभिन्न न्यायालयों में अत्यधिक संख्या में लंबित मुकदमें के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में लगभग 60,000 मुकदमें लंबित हैं और उच्च न्यायालयों में लगभग 44 लाख मुकदमें हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अकसर ऐसा कहा जाता है कि न्याय में देरी होना, न्याय से वंचित होना है।

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