केंद्र ने कर्नाटक और बिहार को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 1813.75 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता को स्वीकृत दी. सौजन्न से PIB

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों में जारी बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की है। बिहार और कर्नाटक राज्यों के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के खाते में निधि की स्थिति और बाढ़ की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, गृह मंत्री ने ‘खाते के आधार पर’ राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से बिहार राज्य के लिए 400 करोड़ रुपये और कर्नाटक के लिए 1200 करोड़ रुपये की अग्रिम राहत निधि को जारी करने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने बिहार के लिए वर्ष 2019-20 हेतु एसडीआरएफ में केन्द्र की अंशभागिता की दूसरी किस्त के रूप में 213.75 करोड़ रुपये जारी करने को भी मंजूरी दे दी है।

कर्नाटक और बिहार ने एसडीआरएफ खाते में धन की कमी की जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत सहायता प्रदान करने में विलम्ब हो रहा है। उन्होंने एनडीआरएफ से अग्रिम अतिरिक्त वित्तीय सहायता जारी करने का अनुरोध किया। बिहार ने 2019-20 के लिए एसडीआरएफ में केन्द्र की अंशभागिता की दूसरी किस्त को जारी करने का भी अनुरोध किया है।

दक्षिण पश्चिम मानसून, 2019 के दौरान, 13 राज्य अप्रत्याशित बाढ़/ भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। 19 अगस्त, 2019 को आयोजित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुपालन में, एनडीआरएफ से अतिरिक्त वित्तीय सहायता लेने के लिए संबंधित राज्यों से ज्ञापन प्राप्त होने से पूर्व, गृह मंत्रालय ने 13 राज्यों के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) का गठन कर दिया था। आईएमसीटी ने अब तक 12 राज्यों का दौरा किया है और राज्यों द्वारा प्रस्तुत अंतरिम ज्ञापन के आधार पर, बिहार और कर्नाटक के संबंध में आईएमसीटी ने अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है।

केंद्र सरकार बाढ़/भूस्खलन की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकारों को पूर्ण सहायता प्रदान करते हुए समय पर रसद और वित्तीय संसाधन प्रदान कर रही है। प्रदान किए जाने वाले संसाधनों में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक हेलीकॉप्टर, सेना के दस्ते, नौसेना और तटरक्षक कर्मियों के पर्याप्त दल एवं आवश्यक बचाव उपकरण शामिल हैं।

भारत सरकार, एसडीआरएफ और पूर्व-स्थापित कार्य प्रणाली के माध्यम से राज्य सरकारों के प्रयासों में अपनी तत्काल सहायता प्रदान करके राहत कार्यों में मदद करती है। प्रत्येक राज्य के लिए एक एसडीआरएफ का गठन किया गया है। केंद्र सरकार सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों के लिए 90 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष एसडीआरएफ आवंटन का योगदान देती है। राहत व्यय का प्रथम भार एसडीआरएफ संभालता है और गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में, स्थापित कार्य प्रणालियों के अनुरूप इसे एनडीआरएफ से पूरक के रूप में लिया जाता है।