सहिष्णुता का मूल्य भारतीय समाज में सदियों से समाहित रहा है और यह हमारी संस्कृति की एक मुख्य विशेषता भी रही है | क्या वर्तमान में इस ‘मूल्य’ का क्षरण हुआ है ? भारतीय समाज में सहिष्णुता की उपस्थिति के कारणों का उल्लेख करते हुए इसके कथित ‘क्षरण’ के संबंध में अपना मत प्रकट करे |